आतंकवाद मानवता का दुश्मन

 Trishul News भारत 

देश की नई आवाज़ 

यह घटना बेहद दर्दनाक है, और ऐसी घटनाएँ एक बार फिर देश की सुरक्षा व्यवस्था, खुफिया एजेंसियों की तत्परता और आतंकवाद की जड़ों पर गहरे सवाल खड़े करती हैं।

प्रमुख सवाल जो उठते हैं:

आखिर देश की राजधानी जैसे संवेदनशील क्षेत्र में इतना बड़ा धमाका कैसे हो गया?

क्या हमारी खुफिया एजेंसियाँ ऐसी घटनाओं के संकेत पहले नहीं पकड़ पा रहीं?

आतंकवादी संगठन या आतंकी मानसिकता को जड़ से खत्म करने के लिए सरकार के पास ठोस नीति क्या है?

क्या सिर्फ घटना के बाद जांच और मुआवज़े का सिलसिला ही काफी है या हमें स्थायी समाधान की ओर बढ़ना चाहिए?

नागरिकों की सुरक्षा को लेकर स्थानीय प्रशासन की जवाबदेही तय क्यों नहीं की जाती?

संदेश:

भारत अब चुप नहीं रहेगा — “बेजिझक पूछेगा भारत”।

आतंकवाद किसी धर्म, जाति या विचारधारा का नहीं — यह मानवता का दुश्मन है।

जरूरत है एकजुट भारत की, जो डर नहीं, सत्य और सुरक्षा की बात करे।





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